“Sissu to Ghepang Ghat Glacier Lake – A Journey Beyond Beauty | Climate Reality of Himalayas, Nature is Warning Us, Save Our Climate

 दोस्तों, स्वागत है हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में — जहाँ बर्फ से ढकी चोटियों के बीच छिपी है एक जादुई झील — Ghepan Ghat Lake!


यह ट्रेक शुरू होता है Sissu गाँव से, जहाँ से आप पहाड़ों, ग्लेशियरों और बर्फीली धाराओं को पार करते हुए पहुँचते हैं लगभग 13,800 फीट की ऊँचाई पर।
लेकिन इस खूबसूरती के पीछे एक गहरी सच्चाई छिपी है — Ghepan Ghat Glacial Lake हर साल फैलती जा रही है, और वैज्ञानिकों ने इसे संभावित फ्लैश फ्लड जोन घोषित किया है। यह ट्रेक लाहौल घाटी में, सिस्सू (Sissu) गाँव से शुरू होता है — जो मनाली-लेह हाईवे पर पड़ता है।
झील की ऊँचाई: लगभग 4,140 मीटर (13,580 फीट)। ट्रेक की कुल दूरी: करीब 26 से 28 किलोमीटर (आना-जाना मिलाकर)। कठिनाई स्तर: मध्यम (Moderate) – थोड़ी फिटनेस और तैयारी जरूरी। समय: मई से अक्टूबर सबसे अच्छा मौसम है।
झील तक जाने वाले रास्ते में घास के मैदान, ग्लेशियर से निकलती नदियाँ और शानदार बर्फ से ढकी चोटियाँ दिखाई देती हैं। जरूरी बातें / सावधानियाँ
नदी पार करते समय सुबह के समय करें — पानी तब कम होता है। मौसम अचानक बदल सकता है — रेन जैकेट ज़रूर रखें। ऊँचाई बढ़ने पर चक्कर या सिर दर्द हो तो तुरंत रुकें। अकेले न जाएँ — गाइड या ग्रुप के साथ ही ट्रेक करें। झील के पास कैंपिंग न करें — पर्यावरण का ध्यान रखें।

क्या कहा गया है − अहम तथ्य
अधिक तापमान और ग्लेशियर पिघलाव की वजह से Ghepan Ghat झील (Ghepan Ghat Glacier Lake) पिछले कई दशकों में बड़ी है गई है। विशेष अध्ययन से पता चला है कि झील का क्षेत्र 36.49 हेक्टेयर से बढ़कर 101.30 हेक्टेयर हो गया है — यानी करीब 178% वृद्धि हुई है। झील की ऊँचाई लगभग 4,068 मीटर (≈ 13,346 फीट) है; यह हिमाचल-प्रदेश के लाहौल-और-स्पीति जिले में स्थित है।
Glacial Lake Outburst Flood” (GLOF) का खतरा निम्न कारणों से बनता है:
तालाब का बढ़ता आकार जब झील का जलस्तर बढ़ता है, तो moraine (बर्फ और पत्थर की प्राकृतिक बाँध संरचना) या बर्फ/बर्फ-ढंके हिस्से अधिक दबाव सहन नहीं कर पाते। जिससे बाँध फटने या छलकने का जोखिम बन जाता है। Downstream इलाकों का विकास सिस्सू, तंडी, थिरोट, अन्य गामीण इलाका जहाँ लोगों के रहने-भोजन के स्थान, सड़कें, पुल आदि हैं, यदि झील अचानक बाहर निकली तो भारी नुकसान हो सकता है। मौसम परिवर्तन और ग्लेशियर की अस्थिरता ग्लेशियर के स्त्रोतों से पिघलाव की दर बढ़ी है; बर्फ की चट्टानों और moraines कमजोर हो रही हैं; बर्फ ढलान (slope) स्थिर नहीं है। अचानक खिसक-खिसक या बर्फ पतन (ice/rockfall) आदि घटना से बाँध टूट सकता है। जल निकासी की कमी यदि झील में स्थायी या पर्याप्त आउटलेट न हो, तो पानी इकट्ठा होता जाएगा। यदि साझीदार बाँध कमज़ोर हो, तो ब्रेचिंग या अचानक निकलने का जोखिम होता है। संभावित प्रभाव ज़मीन और गांवों में बाढ़ – पूरे निचले इलाकों में पानी निकलने से खेत, घर, सड़कें, पुल आदि प्रभावित होंगे। मनाली-लेह हाइवे, जो इस इलाके की मुख्य सड़क है, को गंभीर नुकसान हो सकता है। क्या किया जा सकता है − सुझाव / उपाय
निरंतर निगरानी (Monitoring)   – सैटेलाइट इमेजरी से झील की विस्तार दर, जलस्तर, moraines की स्थिति आदि की नियमित जांच।   – स्थानीय अवस्था-अनुवीक्षण जैसे कि बर्फ का टूटना, पानी रिसाव, ध्वनि आदि।
जलस्तर नियंत्रण (Lake Level Management)   – झील में नियंत्रित पानी निकासी के उपाय (outlet बनाएँ, टनल / पाइपलाइन आदि) ताकि पानी अचानक न जमा हो।   – संभव हो तो झील स्तर को कुछ मीटर नीचे करना जैसे कि 10-30 मीटर कम किए जाने से downstream flood लाभ होगा। अर्ली वार्निंग सिस्टम्स (Early Warning Systems)   – झील में किसी भी तरह की असामान्य गतिविधि जैसे बाँध में दरार, अचानक पानी का बढ़ाव आदि के लिए चेतावनी प्रणाली हो।   – गांवों को तैयार करना कि यदि चेतावनी आये, तो सुरक्षित उच्च स्थानों की ओर तत्काल निकास हो सके।


आपदा प्रबंधन योजना (Disaster-Management Plan)   – स्थानीय प्रशासन, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, वैज्ञानिक संस्थाएँ मिलकर प्रभावित इलाकों का नक्शा तैयार करें।   – सड़क, पुल आदि संरचनाएँ जो संभावित रास्ते में हैं, उन्हें सुरक्षित बनाना।


सामुदायिक जागरूकता (Community Awareness)   – स्थानीय लोगों को यह बताया जाए कि GLOF क्या है, कैसे जोखिम घटाया जा सकता है।   – बचाव उपाय, निकासी मार्ग और प्राथमिक सहायताएँ सुनिश्चित हों। आर्थिक दबाव: खेती, पर्यटन, स्थानीय व्यापार प्रभावित होगा।
जीवन रक्षा: अचानक फ्लैश फ्लड (flash flood) से जान-माल की हानि हो सकती है।


हिमालय की गोद में बनी ये झीलें अब खतरे की निशानी बन चुकी हैं। वक्त आ गया है कि हम इन चेतावनियों को गंभीरता से लें — ताकि कल किसी और घाटी में, किसी और नदी के किनारे, ऐसी त्रासदी दोबारा न दोहराई जाए।”



यह वीडियो सिर्फ एक ट्रेक नहीं — एक संदेश है। कि कैसे ग्लेशियर पिघलना, जलवायु परिवर्तन, और मानव लापरवाही मिलकर प्रकृति को असंतुलित कर रहे हैं। 🎥 वीडियो में देखिए: Sissu से Ghepan Ghat तक पूरा trekking route Blue glacial lake का aerial view Local insights about changing weather और एक भावनात्मक संदेश — “प्रकृति को हमारी नहीं, हमें प्रकृति की ज़रूरत है।” 🌿 आइए, मिलकर वादा करें — जहाँ भी जाएँ, कचरा पीछे न छोड़ें, और धरती को उतना ही प्यार दें, जितना वो हमें देती है।















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